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सेवाग्राम आश्रम परिसर में 2005 मे आशादेवी आर्यनायकम के जन्म शताब्दी निमित्त से नई तालीम के आनंद निकेतन विद्यालय को पुनर्जीवित किया गया । वर्तमान परिप्रेक्ष्य में तत्व और सिंद्धांतों को सही दिशा में अपनाकर बालवाडी से कक्षा 10 तक, माध्यमिक विद्यालय के रूप में उसे अमल में लाना माना गया । हर विकल्प, विचार एवं तत्वों के साथ जमीन पर उतारने के लिए आनंद निकेतन के माध्यम से प्रयास शुरू हुये ।
इस एक दशक में नई तालीम के जो तत्व, शैक्षणिक सूत्र तथा सैद्धांतिक मुल्यों को आज के परिपेक्ष्य में प्रत्यक्ष उजागर कर परखा गया, उन्हे व्यापक स्तर पर ले जाने की जरुरत महसूस हुई । इन तथ्यों को व्यवहारिक सार्थकता देने कि दृष्टि से गुणवत्तापूर्ण सार्थकता शिक्षा अभियान चलाना तय किया गया ।
इसके लिये सरकारी या अनुदानित विद्यालयों की गुणवत्ता बढ़ाकर उसे जीवन मूल्यों के साथ जोड़ना, क्षमता तथा कौशल्य का विकास कर, जीवन के अनुभवों से सीखकर सार्थक बनाना, इन बुनियादी तथ्यों के आधार पर “गुणवत्तापूर्ण सार्थक शिक्षण अभियान” की नींव रखी गई। वर्धा जिले की चुनिंदा सरकारी ग्रामीण स्कूलों के साथ यह दो साल की यात्रा का कथन है।
गुणवत्तापूर्ण सार्थक शिक्षण अभियान – कार्य अहवाल सितम्बर 2014 – मार्च 2017
सादर जय जगत।
गत कुछ वर्षोंमें केवल भारत मे तो है ही साथमें सारे विश्व में शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत तेजिसे परिवर्तन आए हैं। इन सभी परिवर्तनोंकों सम्पूर्ण अच्छे या बुरे नहीं कह सकते। परंतु यह साफ दिखता है की हमारे सामने चुनौतिया बढ़ी है। विज्ञान-तंत्रज्ञान प्रगति के कारण जैसे दुनिया करीब आयी है, वैसे ही अमिरी-गरीबी के बीच के खाई भी बेतहाशा बढ़ी है। परिणाम स्वरूप न केवल नैसर्गिक संसाधनोंकी कमी होते जा रही है, बल्की उस पर निर्भर व्यवस्था टूट रही है, हिंसा अलग अलग स्वरूप मे प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष बढ़ रही है। आनेवाली पीढ़ियोंकों हम क्या जवाब देंगे यह हमारे साझा चुनौती है।
अखिल भारतीय नई तालिम समिति के 75 वर्ष पर हम सभी ने उस अमृत महोत्सवी सम्मेलन (2012) मे सर्व सम्मत प्रस्ताव (आपके संदर्भ हेतु प्रस्ताव की प्रती संलग्न है।) किया था। सम्मेलन के प्रस्ताव नुसार नई तालिम समिति कार्यरत है। भाईचारा बढ़ा है, शिक्षा मे नयी तालिम के स्रोत (मोड्युल्स) तयार कर हमारे बीच वितरित करना हुवा । इन सारे कार्यशालोंका तथा स्रोत(मोड्युल्स) का दस्तावेजीकरण (डोक्यूमेंटेशन) हुवा। प्रचलित शिक्षा व्यवस्था के साथ शांतीपूर्ण संघर्ष में हम अ.भा.शिक्षा अधिकार मंच के साथ कंधे से कंधा मिलकर चल रहे है। एक बात जो बहुत ही थोड़ी आगे बड़ी पर रुक गई वह है, हमारा अलग बोर्ड बनानेकी बात या नॅशनल ओपन स्कूल शिक्षा व्यवस्था को स्थायी रूप देना ।
हमारे देशमें भी सरकार ने जो नई शिक्षा नीती का खाका बनाया है वह इन सारे परिणामोंको बढ़ानेवाली है। इस परिपेक्ष में शिक्षा कैसी हो इसलिए हमे आगेके समूहिक कदम उठाने पर चर्चा करके निर्णय ले।
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए अखिल भारतीय नई तालिम समिति ने “नई शिक्षा नीती और नयी तालिम अर्थात जीवन द्वारा जीवन के लिए जीवन पर्यंत शिक्षा ” का राष्ट्रीय सम्मेलन 29 फरवरी 1 मार्च 2016 (सोमवार-मंगलवार ) को, सेवाग्राम (वर्धा- महाराष्ट्र) में रखने का तय किया है। जिसमे निम्न लिखित विषयों पर चर्चा अपेक्षित है। चुनौती गंभीर है। अभी नही तो कभी नही वाला समय है, यह हमे याद रखना होगा।
इसलिए आप समय निकाल कर इस सम्मेलन में सहभाग ले यह विनंती ।
सम्मेलन का प्रमुख विचार-विषय “ संवैधानिक मूल्यों द्वारा ही अहिंसक समाज निर्मिती की शिक्षा संभव है।”
उप विषय –
1) नई शिक्षा नीती मे ‘अहिंसक समाज निर्मिती दृष्टि से शिक्षा के प्रयास की दिशा एवं हमारी भूमिका।’
2) ‘आजके राष्ट्रीय एवं आंतर राष्ट्रीय अर्थनीति, राजनीति तथा सामाजिक संदर्भ मे नई तालिम की भूमिका एवं प्रचलित शिक्षा पाठ्यक्रम में प्रयोग तथा इनका भविष्य।’
शिक्षा में पालक और शिक्षक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, इस बात को ध्यान में रखते हुए, उनके सहभागिता के लिए किस प्रकार के प्रयास किये जाए इसे केंद्र मे रख कर, सभी सत्र में चर्चा होगी।
साथियों, जिन्होने शिक्षा मे अलग अलग प्रयोग किए है, उनके सृजन (प्रयोगों) का एक प्रदर्शन रखने का प्रयास है। आप अपने पोस्टर प्रदर्शन में रख सकते हैं और लिखित रूप से इसकी जानकारी पत्रक या विडियो बाँट सकते हैं या बिक्री कर सकत हैं।
आपने शिक्षामें जो भी नया सृजन किया हो तो उसकी जानकारी देनेके लिए अवकाश के समय एक सत्र रखा जा सकेगा। आप अपने प्रयोगों के बारे में व्यक्तिगत चर्चा कर विस्तृत जानकारी दे सकते हैं।
तो चलिये ! हम सब इस कार्यक्रम में सहभागी बनकर एक दूजेका होंसला बढ़ाए।
इस सम्मेलन का उदघाटन के लिए एकलव्य शिक्षा प्रयास के प्रमुख शिल्पकार शरदचंद्र बेहेर को पधार रहे है।
प्रमुख अतिथी नयी तालिम के पुरोधा, प्रयोगक-चिंतक पी.व्ही.राजगोपाल जी आ रहे है।
इस सम्मेलन के लिए हमारी अतिथी विशेष रूपमें मितू घोष-आर्यनायकम (84) को निमंत्रित किया है। वे ना केवल नयी तालीम के स्वयं प्रकाशित सितारे आशादेवी एवं एडवर्ड आर्यनायकम जी की बेटी है, बलकी उनकी पूरी हाय स्कूल तक पढ़ाई आनंद निकेतन विद्यालय, सेवाग्राम-वर्धा में ही हुई है। वे गत पाँच दशकोंसे अमरीका मे रहती है।
सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए, सर्वोदय (गांधी विचार) के गाढ़े चिंतक, गुजरात विद्यापीठ के पूर्व कुलपती डॉ. सुदर्शन अय्यंगार आ रहे है।
ताजा कलम – सम्मेलन की समय सारिणी, नयी शिक्षा नीती पर हमारे सभी मित्रों द्वारा दिसंबर के परिसंवाद का सर्व सम्मत सरकार को प्रेषित मसौदा संलग्न है।
शिक्षामें हम सभी कई समूहोमें कार्यरत है। संघर्ष के लिए ‘ अखिल भारतीय शिक्षा अधिकार मंच ’तो एक बड़ा मंच है ही, कुछ अन्य संगठन भी है। निर्माण या शिक्षा के रचनात्मक काम के लिए भी कई नेटवर्क है। रचना और संघर्ष दोनोके लिए साझा मंच अखिल भारतीय नयी तालिम समिति उपलब्ध कराये यह मानकर, आप साभिकों निमंत्रण भेजा है।
आपका स्वागत है।
स्नेहाकांक्षी
डॉ. सुगन बरंठ प्रदीप दासगुप्ता
अध्यक्ष मंत्री
संपर्क:
प्रभाकर पुसदकर (समन्वयक) – 09763223670
डॉ. शिवचरणसिंह ठाकुर (कार्यालय मंत्री) – 09423657721