सेवाग्राम आश्रम परिसर में 2005 मे आशादेवी आर्यनायकम के जन्म शताब्दी निमित्त से नई तालीम के आनंद निकेतन विद्यालय को पुनर्जीवित किया गया । वर्तमान परिप्रेक्ष्य में तत्व और सिंद्धांतों को सही दिशा में अपनाकर बालवाडी से कक्षा 10 तक, माध्यमिक विद्यालय के रूप में उसे अमल में लाना माना गया । हर विकल्प, विचार एवं तत्वों के साथ जमीन पर उतारने के लिए आनंद निकेतन के माध्यम से प्रयास शुरू हुये ।
इस एक दशक में नई तालीम के जो तत्व, शैक्षणिक सूत्र तथा सैद्धांतिक मुल्यों को आज के परिपेक्ष्य में प्रत्यक्ष उजागर कर परखा गया, उन्हे व्यापक स्तर पर ले जाने की जरुरत महसूस हुई । इन तथ्यों को व्यवहारिक सार्थकता देने कि दृष्टि से गुणवत्तापूर्ण सार्थकता शिक्षा अभियान चलाना तय किया गया ।
इसके लिये सरकारी या अनुदानित विद्यालयों की गुणवत्ता बढ़ाकर उसे जीवन मूल्यों के साथ जोड़ना, क्षमता तथा कौशल्य का विकास कर, जीवन के अनुभवों से सीखकर सार्थक बनाना, इन बुनियादी तथ्यों के आधार पर “गुणवत्तापूर्ण सार्थक शिक्षण अभियान” की नींव रखी गई। वर्धा जिले की चुनिंदा सरकारी ग्रामीण स्कूलों के साथ यह दो साल की यात्रा का कथन है।
गुणवत्तापूर्ण सार्थक शिक्षण अभियान – कार्य अहवाल सितम्बर 2014 – मार्च 2017